Friday, December 19, 2008

Jaise bhi hai ab hey Sai hum to tere hai download Mp3

Share Author: Manisha.Rautela.Bisht on 9:31 PM
Dear readers
This song sung by Anup Jalota is very popular and melodious bhajan on Baba.It is very old bhajan but is very popular and liked by so many devotees even after so many years and still sung in Sai mandir during bhajan sandhya.
I have grown up hearing this bhajan many times and I really like it a lot . Jai Sai Ram

जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है


जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है
तेरे रंग में रंगे हमारे साँझ सवेरे है बाबा
हम तो तेरे है
जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है .....


तेरे बारे में कहते है शिर्डी वाले लोग
तुने जिसको छुआ न आया उसको कोई रोग
तुने ही हर दीं दुखी के दुर्दिन फेरे है बाबा
हम तो तेरे है

जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है


दूर दूर से लोग हजारों आते तेरे द्वारे
जो भी तेरे द्वारे आया पाया उसने प्यार
तेरा दर वोह जहाँ से कोसो दूर अंधेरे है
बाबा हम तो तेरे है
जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है


जहाँ जहाँ पूजा हों तेरी वहाँ न दुख का काम
कोई कहे सलाम तुझे तो कोई करे प्रणाम
उनको हर पल सुख जो तेरी माला फेरे है
हम तो तेरे है

जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है


जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है
तेरे रंग में रंगे हमारे साँझ सवेरे है बाबा
हम तो तेरे है
जैसे भी है अब हे साई हम तो तेरे है

To download the song click below.


Jaise bhi hai ab hey Sai hum to tere hai.mp3


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~श्री सच्चिदानंद सदगुरू श्री साईनाथ महाराज की जय~ श्री साई बाबा के ग्यारह वचन : १.जो शिरडी आएगा ,आपद दूर भगाएगा,२.चढ़े समाधी की सीढी पर ,पैर तले दुःख की पीढ़ी पर,३.त्याग शरीर चला जाऊंगा ,भक्त हेतु दौडा आऊंगा,४.मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पुरी आस५.मुझे सदा ही जीवत जानो ,अनुभव करो सत्य पहचानो,,६.मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताये ७.जैसा भाव रहे जिस मनका, वैसा रूप हुआ मेरे मनका,,८.भार तुम्हारा मुझ पर होगा ,वचन न मेरा झूठा होगा ९ आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर ,१०.मुझ में लीन वचन मन काया ,उसका ऋण न कभी चुकाया,११ .धन्य -धन्य व भक्त अनन्य ,मेरी शरण तज जिसे न अन्य~श्री सच्चिदानंद सदगुरू श्री साईनाथ महाराज की जय~
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About Author.

I feel I am like a river, having my own course, stream and flow but the final destiny is to be one with the boundless ocean of my Sathguru Shirdi Sai Baba.

Amidst all the worldly rituals I am performing,I do not dare to loose sight of my Sainath. He is the sole driving force, the guide and the Supreme master.

The strings of my life are in his hand,I am just a puppet at His Holy Feet.
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