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Sairam Dear readers ,
On this auspicious day of Sri Ganesh Chaturthi I am Happy to share with my Sai friends beautiful Sai Ganesh Wallapapers created and sent by Sai devotee Shri Kouwshigan Ji from Sri Lanka who has been providing Sathguru Sai Baba blog with beautiful screen saver ,Shirdi Sai Baba Wallpaper and paitings from time to time.Thank you Kouwshigan ji.
On this great day I wish everyone a very Happy Ganesh Chaturthi ,may Sai Ganesh shower his blessings on one and all .I am posting Ganesh ji Aarti,Ganeshji Mantra ,108 Ganeshji Sahasranamavali and Ganeshji chalisa as requested by few Sai devotees .
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वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजंबूफलसारभक्षितम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारणं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः ।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः ।
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ।
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
मूषिकवाहन् मोदकहस्त चामरकर्ण विलंबित सूत्र ।
वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥
~ॐ साई विनायकाय नमः~
Ganesh Mantra and Stuti.
वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजंबूफलसारभक्षितम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारणं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः ।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः ।
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ।
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
मूषिकवाहन् मोदकहस्त चामरकर्ण विलंबित सूत्र ।
वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥
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ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ गणेश्वराय नमः ॥
ॐ गणक्रीडाय नमः ॥
ॐ गणनाथाय नमः ॥
ॐ गणाधिपाय नमः ॥
ॐ एकदंष्ट्राय नमः ॥
ॐ वक्रतुण्डाय नमः ॥
ॐ गजवक्त्राय नमः ॥
ॐ मदोदराय नमः ॥
ॐ लम्बोदराय नमः ॥
ॐ धूम्रवर्णाय नमः ॥
ॐ विकटाय नमः ॥
ॐ विघ्ननायकाय नमः ॥
ॐ सुमुखाय नमः ॥
ॐ दुर्मुखाय नमः ॥
ॐ बुद्धाय नमः ॥
ॐ विघ्नराजाय नमः ॥
ॐ गजाननाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ प्रमोदाय नमः ॥
ॐ आनन्दाय नमः ॥
ॐ सुरानन्दाय नमः ॥
ॐ मदोत्कटाय नमः ॥
ॐ हेरम्बाय नमः ॥
ॐ शम्बराय नमः ॥
ॐ शम्भवे नमः ॥
ॐ लम्बकर्णाय नमः ॥
ॐ महाबलाय नमः ॥
ॐ नन्दनाय नमः ॥
ॐ अलम्पटाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ मेघनादाय नमः ॥
ॐ गणञ्जयाय नमः ॥
ॐ विनायकाय नमः ॥
ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ धीराय नमः ॥
ॐ शूराय नमः ॥
ॐ वरप्रदाय नमः ॥
ॐ महागणपतये नमः ॥
ॐ बुद्धिप्रियाय नमः ॥
ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः ॥
ॐ रुद्रप्रियाय नमः ॥
ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥
ॐ उमापुत्राय नमः ॥
ॐ अघनाशनाय नमः ॥
ॐ कुमारगुरवे नमः ॥
ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥
ॐ मूषकवाहनाय नमः ॥
ॐ सिद्धिप्रदाय नमः ॥
ॐ सिद्धिपतये नमः ॥
ॐ सिद्ध्यै नमः ॥
ॐ सिद्धिविनायकाय नमः ॥
ॐ विघ्नाय नमः ॥
ॐ तुङ्गभुजाय नमः ॥
ॐ सिंहवाहनाय नमः ॥
ॐ मोहिनीप्रियाय नमः ॥
ॐ कटिंकटाय नमः ॥
ॐ राजपुत्राय नमः ॥
ॐ शकलाय नमः ॥
ॐ सम्मिताय नमः ॥
ॐ अमिताय नमः ॥
ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः ॥
ॐ दुर्जयाय नमः ॥
ॐ धूर्जयाय नमः ॥
ॐ अजयाय नमः ॥
ॐ भूपतये नमः ॥
ॐ भुवनेशाय नमः ॥
ॐ भूतानां पतये नमः ॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥
ॐ विश्वमुखाय नमः ॥
ॐ विश्वरूपाय नमः ॥
ॐ निधये नमः ॥
ॐ घृणये नमः ॥
ॐ कवये नमः ॥
ॐ कवीनामृषभाय नमः ॥
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ॥
ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः ॥
ॐ ज्येष्ठराजाय नमः ॥
ॐ निधिपतये नमः ॥
ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥
ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थाय नमः ॥
ॐ सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः ॥
ॐ कराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥
ॐ पूषदन्तभृते नमः ॥
ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥
ॐ मुक्तिदाय नमः ॥
ॐ कुलपालकाय नमः ॥
ॐ किरीटिने नमः ॥
ॐ कुण्डलिने नमः ॥
ॐ हारिणे नमः ॥
ॐ वनमालिने नमः ॥
ॐ मनोमयाय नमः ॥
ॐ वैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः ॥
ॐ पादाहत्याजितक्षितये नमः ॥
ॐ सद्योजाताय नमः ॥
ॐ स्वर्णभुजाय नमः ॥
ॐ मेखलिने नमः ॥
ॐ दुर्निमित्तहृते नमः ॥
ॐ दुस्स्वप्नहृते नमः ॥
ॐ प्रहसनाय नमः ॥
ॐ गुणिने नमः ॥
ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः ॥
ॐ सुरूपाय नमः ॥
ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः ॥
ॐ पीताम्बराय नमः ॥
ॐ खड्गधराय नमः ॥
ॐ खण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥
ॐ चित्राङ्कश्यामदशनाय नमः ॥
ॐ फालचन्द्राय नमः ॥
ॐ चतुर्भुजाय नमः ॥
ॐ योगाधिपाय नमः ॥
ॐ तारकस्थाय नमः ॥
ॐ पुरुषाय नमः ॥
ॐ गजकर्णकाय नमः ॥
ॐ गणाधिराजाय नमः ॥
ॐ विजयस्थिराय नमः ॥
ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ ध्वजिने नमः ॥
ॐ देवदेवाय नमः ॥
ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः ॥
ॐ वायुकीलकाय नमः ॥
ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः ॥
ॐ नादाय नमः ॥
ॐ नादभिन्नवलाहकाय नमः ॥
ॐ वराहवदनाय नमः ॥
ॐ मृत्युञ्जयाय नमः ॥
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥
ॐ इच्छाशक्तिधराय नमः ॥
ॐ देवत्रात्रे नमः ॥
ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः ॥
ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः ॥
ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ॥
ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः ॥
ॐ शम्भुतेजसे नमः ॥
ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥
ॐ गौरीसुखावहाय नमः ॥
ॐ उमाङ्गमलजाय नमः ॥
ॐ गौरीतेजोभुवे नमः ॥
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥
ॐ यज्ञकायाय नमः ॥
ॐ महानादाय नमः ॥
ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥
ॐ शुभाननाय नमः ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ॥
ॐ सर्वदेवात्मने नमः ॥
ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः ॥
ॐ ककुप्छ्रुतये नमः ॥
ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः ॥
ॐ चिद्व्योमफालाय नमः ॥
ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः ॥
ॐ जगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥
ॐ अग्न्यर्कसोमदृशे नमः ॥
ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥
ॐ धर्माय नमः ॥
ॐ धर्मिष्ठाय नमः ॥
ॐ सामबृंहिताय नमः ॥
ॐ ग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥
ॐ वाणीजिह्वाय नमः ॥
ॐ वासवनासिकाय नमः ॥
ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥
ॐ सोमार्कघण्टाय नमः ॥
ॐ रुद्रशिरोधराय नमः ॥
ॐ नदीनदभुजाय नमः ॥
ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥
ॐ तारकानखाय नमः ॥
ॐ भ्रूमध्यसंस्थितकराय नमः ॥
ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः ॥
ॐ व्योमनाभाय नमः ॥
ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥
ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥
ॐ अर्णवोदराय नमः ॥
ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षः- किन्नरमानुषाय नमः ॥
श्री गणपति सहस्रनामावलि ॥
Ganesha Sahasranamawali
ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ गणेश्वराय नमः ॥
ॐ गणक्रीडाय नमः ॥
ॐ गणनाथाय नमः ॥
ॐ गणाधिपाय नमः ॥
ॐ एकदंष्ट्राय नमः ॥
ॐ वक्रतुण्डाय नमः ॥
ॐ गजवक्त्राय नमः ॥
ॐ मदोदराय नमः ॥
ॐ लम्बोदराय नमः ॥
ॐ धूम्रवर्णाय नमः ॥
ॐ विकटाय नमः ॥
ॐ विघ्ननायकाय नमः ॥
ॐ सुमुखाय नमः ॥
ॐ दुर्मुखाय नमः ॥
ॐ बुद्धाय नमः ॥
ॐ विघ्नराजाय नमः ॥
ॐ गजाननाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ प्रमोदाय नमः ॥
ॐ आनन्दाय नमः ॥
ॐ सुरानन्दाय नमः ॥
ॐ मदोत्कटाय नमः ॥
ॐ हेरम्बाय नमः ॥
ॐ शम्बराय नमः ॥
ॐ शम्भवे नमः ॥
ॐ लम्बकर्णाय नमः ॥
ॐ महाबलाय नमः ॥
ॐ नन्दनाय नमः ॥
ॐ अलम्पटाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ मेघनादाय नमः ॥
ॐ गणञ्जयाय नमः ॥
ॐ विनायकाय नमः ॥
ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ धीराय नमः ॥
ॐ शूराय नमः ॥
ॐ वरप्रदाय नमः ॥
ॐ महागणपतये नमः ॥
ॐ बुद्धिप्रियाय नमः ॥
ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः ॥
ॐ रुद्रप्रियाय नमः ॥
ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥
ॐ उमापुत्राय नमः ॥
ॐ अघनाशनाय नमः ॥
ॐ कुमारगुरवे नमः ॥
ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥
ॐ मूषकवाहनाय नमः ॥
ॐ सिद्धिप्रदाय नमः ॥
ॐ सिद्धिपतये नमः ॥
ॐ सिद्ध्यै नमः ॥
ॐ सिद्धिविनायकाय नमः ॥
ॐ विघ्नाय नमः ॥
ॐ तुङ्गभुजाय नमः ॥
ॐ सिंहवाहनाय नमः ॥
ॐ मोहिनीप्रियाय नमः ॥
ॐ कटिंकटाय नमः ॥
ॐ राजपुत्राय नमः ॥
ॐ शकलाय नमः ॥
ॐ सम्मिताय नमः ॥
ॐ अमिताय नमः ॥
ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः ॥
ॐ दुर्जयाय नमः ॥
ॐ धूर्जयाय नमः ॥
ॐ अजयाय नमः ॥
ॐ भूपतये नमः ॥
ॐ भुवनेशाय नमः ॥
ॐ भूतानां पतये नमः ॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥
ॐ विश्वमुखाय नमः ॥
ॐ विश्वरूपाय नमः ॥
ॐ निधये नमः ॥
ॐ घृणये नमः ॥
ॐ कवये नमः ॥
ॐ कवीनामृषभाय नमः ॥
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ॥
ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः ॥
ॐ ज्येष्ठराजाय नमः ॥
ॐ निधिपतये नमः ॥
ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥
ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थाय नमः ॥
ॐ सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः ॥
ॐ कराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥
ॐ पूषदन्तभृते नमः ॥
ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥
ॐ मुक्तिदाय नमः ॥
ॐ कुलपालकाय नमः ॥
ॐ किरीटिने नमः ॥
ॐ कुण्डलिने नमः ॥
ॐ हारिणे नमः ॥
ॐ वनमालिने नमः ॥
ॐ मनोमयाय नमः ॥
ॐ वैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः ॥
ॐ पादाहत्याजितक्षितये नमः ॥
ॐ सद्योजाताय नमः ॥
ॐ स्वर्णभुजाय नमः ॥
ॐ मेखलिने नमः ॥
ॐ दुर्निमित्तहृते नमः ॥
ॐ दुस्स्वप्नहृते नमः ॥
ॐ प्रहसनाय नमः ॥
ॐ गुणिने नमः ॥
ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः ॥
ॐ सुरूपाय नमः ॥
ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः ॥
ॐ पीताम्बराय नमः ॥
ॐ खड्गधराय नमः ॥
ॐ खण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥
ॐ चित्राङ्कश्यामदशनाय नमः ॥
ॐ फालचन्द्राय नमः ॥
ॐ चतुर्भुजाय नमः ॥
ॐ योगाधिपाय नमः ॥
ॐ तारकस्थाय नमः ॥
ॐ पुरुषाय नमः ॥
ॐ गजकर्णकाय नमः ॥
ॐ गणाधिराजाय नमः ॥
ॐ विजयस्थिराय नमः ॥
ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ ध्वजिने नमः ॥
ॐ देवदेवाय नमः ॥
ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः ॥
ॐ वायुकीलकाय नमः ॥
ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः ॥
ॐ नादाय नमः ॥
ॐ नादभिन्नवलाहकाय नमः ॥
ॐ वराहवदनाय नमः ॥
ॐ मृत्युञ्जयाय नमः ॥
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥
ॐ इच्छाशक्तिधराय नमः ॥
ॐ देवत्रात्रे नमः ॥
ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः ॥
ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः ॥
ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ॥
ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः ॥
ॐ शम्भुतेजसे नमः ॥
ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥
ॐ गौरीसुखावहाय नमः ॥
ॐ उमाङ्गमलजाय नमः ॥
ॐ गौरीतेजोभुवे नमः ॥
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥
ॐ यज्ञकायाय नमः ॥
ॐ महानादाय नमः ॥
ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥
ॐ शुभाननाय नमः ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ॥
ॐ सर्वदेवात्मने नमः ॥
ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः ॥
ॐ ककुप्छ्रुतये नमः ॥
ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः ॥
ॐ चिद्व्योमफालाय नमः ॥
ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः ॥
ॐ जगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥
ॐ अग्न्यर्कसोमदृशे नमः ॥
ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥
ॐ धर्माय नमः ॥
ॐ धर्मिष्ठाय नमः ॥
ॐ सामबृंहिताय नमः ॥
ॐ ग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥
ॐ वाणीजिह्वाय नमः ॥
ॐ वासवनासिकाय नमः ॥
ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥
ॐ सोमार्कघण्टाय नमः ॥
ॐ रुद्रशिरोधराय नमः ॥
ॐ नदीनदभुजाय नमः ॥
ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥
ॐ तारकानखाय नमः ॥
ॐ भ्रूमध्यसंस्थितकराय नमः ॥
ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः ॥
ॐ व्योमनाभाय नमः ॥
ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥
ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥
ॐ अर्णवोदराय नमः ॥
ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षः- किन्नरमानुषाय नमः ॥
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जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभ काजू ॥
जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायक बुद्घि विधाता ॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥
राजत मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता । गौरी ललन विश्व-विख्याता ॥
ऋद्घि-सिद्घि तव चंवर सुधारे । मूषक वाहन सोहत द्घारे ॥
कहौ जन्म शुभ-कथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मंगलकारी ॥
एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी ।
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरि द्घिज रुपा ॥
अतिथि जानि कै गौरि सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥
अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्घि विशाला । बिना गर्भ धारण, यहि काला ॥
गणनायक, गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम, रुप भगवाना ॥
अस कहि अन्तर्धान रुप है । पलना पर बालक स्वरुप है ॥
बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना ॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥
शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो । उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो ॥
कहन लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कहाऊ ॥
पडतहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा । बोलक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥
गिरिजा गिरीं विकल है धरणी । सो दुख दशा गयो नहीं वरणी ॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा । शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा ॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो । काटि चक्र सो गज शिर लाये ॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो । प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे । प्रथम पूज्य बुद्घि निधि, वन दीन्हे ॥
बुद्घि परीक्षा जब शिव कीन्हा । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥
चले षडानन, भरमि भुलाई । रचे बैठ तुम बुद्घि उपाई ॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥
तुम्हरी महिमा बुद्घि बड़ाई । शेष सहसमुख सके न गाई ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा । जग प्रयाग, ककरा, दर्वासा ॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै । अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै ॥
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश ॥
श्री गणेश चालीसा
Shri Ganesha Chalisa
जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभ काजू ॥
जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायक बुद्घि विधाता ॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥
राजत मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता । गौरी ललन विश्व-विख्याता ॥
ऋद्घि-सिद्घि तव चंवर सुधारे । मूषक वाहन सोहत द्घारे ॥
कहौ जन्म शुभ-कथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मंगलकारी ॥
एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी ।
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरि द्घिज रुपा ॥
अतिथि जानि कै गौरि सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥
अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्घि विशाला । बिना गर्भ धारण, यहि काला ॥
गणनायक, गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम, रुप भगवाना ॥
अस कहि अन्तर्धान रुप है । पलना पर बालक स्वरुप है ॥
बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना ॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥
शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो । उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो ॥
कहन लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कहाऊ ॥
पडतहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा । बोलक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥
गिरिजा गिरीं विकल है धरणी । सो दुख दशा गयो नहीं वरणी ॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा । शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा ॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो । काटि चक्र सो गज शिर लाये ॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो । प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे । प्रथम पूज्य बुद्घि निधि, वन दीन्हे ॥
बुद्घि परीक्षा जब शिव कीन्हा । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥
चले षडानन, भरमि भुलाई । रचे बैठ तुम बुद्घि उपाई ॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥
तुम्हरी महिमा बुद्घि बड़ाई । शेष सहसमुख सके न गाई ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा । जग प्रयाग, ककरा, दर्वासा ॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै । अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै ॥
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश ॥
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आरती श्री गणेश जी की
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा ।
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी ।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा ।
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी ।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
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